पश्चिम बंगाल ट्रेन हादसे के बाद ये ट्रेनें कैंसिल, ये डायवर्ट; रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव घटनास्थल पहुंचे, विपक्ष ने इस्तीफा मांगा तो कहा राजनीति नहीं
Rail Minister Ashwini Vaishnaw Reached Kanchenjunga Train Incident Spot
Kanchenjunga Express Accident: पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सोमवार सुबह एक बड़ा ट्रेन हादसा हो गया। यहां रंगापानी स्टेशन के नजदीक कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन (13174) को एक तेज रफ्तार मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर के वक्त कंचनजंगा एक्सप्रेस रुकी हुई थी और ट्रैक पर खड़ी थी। जिस समय यह हादसा हुआ, उस वक्त ट्रेन न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से निकली थी। ट्रेन अगरलता से चलकर सियालदह की तरफ जाने वाली थी। वहीं मालगाड़ी की कंचनजंगा एक्सप्रेस से टक्कर इतनी भीषण रही कि, हादसे में दोनों ट्रेनों के डिब्बे ट्रैक से हटके हवा में उछलकर एक-दूसरे के ऊपर जा चढ़े और इधर-उधर बिखर गए।
ट्रेन हादसे के बाद जहां मौके पर रेलवे, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ व पुलिस का रेसक्यू ऑपरेशन जारी रहा तो वहीं दूसरी तरफ इस हादसे को लेकर पूरे देश में खलबली मच गई और पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मचा रहा। इस ट्रेन हादसे में अब तक 8 लोगों (3 रेलवे कर्मचारी, जिनमें से मालगाड़ी के 2 चालक और सहायक चालक व 1 कंचनजंगा एक्सप्रेस गार्ड) की मौत दर्ज की गई है, जबकि 50 के करीब लोग घायल हुए हैं। जिन्हें अस्पताल ले जाया गया है और उनका इलाज चल रहा है। मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। घायलों में कई लोगों की हालत गंभीर है। वहीं मौके पर राहत-बचाव कार्य पूरा हो चुका है और अब ट्रैक बहाली का कार्य जारी है। ट्रैक से क्षतिग्रस्त डिब्बे हटाए जा रहे हैं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव घटनास्थल पहुंचे
ट्रेन हादसे के बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटनास्थल का दौरा किया है। हादसे के बाद अश्विनी वैष्णव ने तत्काल एक्शन में आते हुए अधिकारियों से पल-पल की जानकारी ली थी। इसके बाद दिल्ली से पश्चिम बंगाल के लिए खुद ही रवाना हो गए। अश्विनी वैष्णव ने दार्जिलिंग में घटनास्थल पहुंच अब हादसे का पूरा जायजा लिया है। साथ ही तेजी से ट्रैक बहाली करने के आदेश दिए हैं। साथ ही अश्विनी वैष्णव ने अधिकारियों से हादसे को लेकर एक-एक जानकारी ली। इसके साथ ही अश्विनी वैष्णव अस्पताल भी पहुंचे और वहां घायलों से मिलकर उनका हाल-चाल जाना। उन्होंने अधिकारियों को घायलों को समुचित इलाज देने को निर्देशित किया है।
विपक्ष ने इस्तीफा मांगा तो कहा- राजनीति नहीं
पश्चिम बंगाल ट्रेन हादसे को लेकर पूरा विपक्ष, सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में रेल दुर्घटनाओं में जो वृद्धि हुई है वो केंद्र सरकार की रेलवे के प्रति कुप्रबंधन और लापरवाही का नतीजा है। एक जिम्मेदार विपक्ष के तौर पर हम इस लापरवाही पर सवाल उठाते रहेंगे और संसद में भी सरकार से जवाब मांगेंगे। इसके साथ ही विपक्ष ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की। जिस पर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, हमारा सारा ध्यान हादसे को लेकर होना चाहिए। पीड़ितों और बहाली पर होना चाहिए। ये राजनीति का समय नहीं है।
पश्चिम बंगाल ट्रेन हादसे के बाद ये ट्रेनें कैंसिल, ये डायवर्ट
पश्चिम बंगाल में ट्रेन हादसे के बाद कई ट्रेनें कैंसिल करनी पड़ी हैं और कुछ ट्रेनों को डायवर्ट भी किया गया है। पूर्वी रेलवे CPRO कौशिक मित्रा ने बताया कि हम कुछ ट्रेन को डायवर्ट कर रहे हैं। गुवाहाटी-सरायघाट एक्सप्रेस (12346) वह सिलीगुड़ी, बागडोगरा, अलुआबारी होकर आ रही है। गुवाहाटी-बेंगलुरू एक्सप्रेस(12510), न्यू जलपाइगुड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस (22302), कामरूप एक्सप्रेस(15962) और उत्तरबंग एक्सप्रेस (13148) भी डायवर्ट होकर आ रही है। इसके अलावा जो ट्रेनें कैंसिल की गईं हैं। उसकी लिस्ट नीचे है। बता दें कि, इस हादसे के बाद पूर्वी रेलवे द्वारा कंट्रोल डेस्क स्थापित कर दिया गया है। इस डेस्क से हेल्प लाइन नंबर 033-23508794, 033-23833326 जारी किए जा रहे हैं। ताकि उनपर लोग संपर्क कर सकें।
मृतकों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान
अश्विनी वैष्णव ने पश्चिम बंगाल जाने से पहले पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान कर दिया था। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर कहा था- "पीड़ितों को बढ़ी हुई अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी; मृतकों के परिजनों को 10 लाख, जिन्हें गंभीर चोटें आई हैं उन्हें 2.5 लाख और जिन्हें मामूली चोटें आई हैं उन्हें 50,000 की राशि दी जाएगी।" इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि पश्चिम बंगाल रेल हादसे में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपए दिए जाएंगे.
पश्चिम बंगाल में कैसे हुआ इतना बड़ा ट्रेन हादसा?
पश्चिम बंगाल ट्रेन हादसे को लेकर कई सवाल उठे हैं? रेलवे और सरकार पर लापरवाही के आरोप लगे। कहा गया कि, यह बड़ा ट्रेन हादसा इसीलिए हुआ क्योंकि एक ट्रैक पर एक साथ 2 ट्रेनें आ गईं। जब ट्रैक पर पहले से कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन (13174) पर खड़ी थी और सिग्नल मिलने का इंतजार कर रही थी तो फिर उसी ट्रैक पर मालगाड़ी को आगे बढ्ने के लिए हरी झंडी कैसे दे दी गई?
फिलहाल, अब रेलवे बोर्ड अध्यक्ष एवं CEO जया वर्मा सिन्हा ने हादसे को लेकर बड़ा खुलासा किया है। हादसे के पीछे मानवीय चूक बताई गई है। जया वर्मा ने बताया कि, कंचनजंगा एक्सप्रेस जो अगरतला से सियालदह जा रही थी उसे पीछे से मालगाड़ी ने सिग्नल को तोड़ते हुए टक्कर मारी है। यानि मालगाड़ी के चालक ने सिग्नल की अनदेखी की। जिसके चलते यह हादसा हुआ।
पिछले साल इसी जून महीने में हुआ था बालासोर ट्रेन हादसा
याद है कि, पिछले साल इसी जून महीने में भयावह बालासोर ट्रेन हादसा हुआ था। बस तब तारीख दूसरी थी। दरअसल, पिछले साल 2 जून को ओडिशा में बालासोर ट्रेन हादसे (Balasore Train Accident) का मंजर अब तक भुलाए नहीं भूलता है। कैसे यहां एक खड़ी मालीगाड़ी और दो पैसेंजर ट्रेनों की आपस में भयानक टक्कर में 250 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।
ट्रेन हादसे की भयानक तस्वीरें इस खबर में